इस्लाम ने महिलाओं को शुरक्षा देने के लिए जो तरीका बताया है वह यह है की

 पर्दा....!!


दौरे हाज़िर में लोगों की जेहनियत का हाल यह है की वह नग्नता और बे-हयाई को तो Accept कर रहे है लेकिन शर्म व हया और पर्दे को जिहालत बता रहे हैं|

हैरत की बात तो यह है की यही दौरे हाज़िर के लोगों "महिला शुरक्षा" की बात बात भी कर रहे हैं|

इस्लाम ने महिलाओं को शुरक्षा देने के लिए जो तरीका बताया है वह यह है की
महिलाए घर से अकेले बाहर न निकले,
बे-पर्दा न निकले,
बे-वजह न घरों से न निकले,
तन्हा किसी गैर-मेहराम से न मिले आदि|
यह इंतेज़ाम महिलाओं को शुरक्षा प्रदान करने के लिए ही दी गई हैं|

अगर यह महिला शुरक्षा नहीं है और अगर यह इस्लाम की तरफ से महिलाओं पे जुल्म और ज्यादती है,
तो फिर हर एक महिला के शुरक्षा के लिए दो दो कर के शुरक्षाकर्मी नियुक्त कर दी जाए|

फिर में पूछुंगा क्या अब महिलाऐ आज़ाद है ???

यह वही बात होगी कुत्तो और भेड़ियो के आगे नंगी गोस्त का लोथरा रख दी जाए और उम्मीद की जाए की यह कुत्ते और भेड़िये उस नंगी गोस्त के लोथड़े पे झपटा नहीं मारेंगे|

Post a Comment

0 Comments