लड़कियों पर पाबंदियां लगाने की क्या वजह है

 लड़कियों पर पाबंदियां लगाने की क्या वजह है


एक बार एक लङकी ने मौलाना साहब से कहा के एक बात पुछूँ??😐😐

मौलाना साहब ने फरमाया;बोलो बैटी क्या बात है??😊☺️

लङकी ने कहा हमारे समाज में लड़कों को हर तरह की आज़ादी होती!! वोह कुछ भी करें ;कहीं भी जाएं, इस पर कोई ख़ास रोक टोक नहीं होती!👍👍

इस के उलट अक्सर लड़कियों को बात बात पर रोका जाता है। यह मत करो! यहाँ मत जाओ! घर जल्दी आजाओ!!..😐😐

यह सुनकर मौलाना साहब मुस्कुराए ओर फरमाया!!..


बेटी आप ने कभी लोहे की दुकान के बाहर लोहे के गोदाम में लोहे की चीज़ें पङी देखीं हैं ?
यह गोदाम में सर्दी,गर्मी,बरसात, रात, दिन इसी तरह पड़ी रहती हैं..
इसके बावजूद उनका कुछ नहीं बिगड़ता ओर उनकी क़ीमत पर भी कोई अस़र नहीं पड़ता 😇😇

लड़कों की कुछ इस तरह की ह़ैसियत (औकात) है समाज में!👍👍

अब आप चलो एक सुनार की दुकान में।
एक बड़ी तिजोरी, उस में एक छोटी तिजोरी, उस में रखी छोटी सुंदर सी डिब्बी में रेशम पर नज़ाकत से रखा चमकता हीरा۔۔☺☺
क्योंकि जोहरी जानता है कि अगर हीरे में ज़रा भी खराश आगई तो उसकी कोई क़ीमत नहीं रहेगी 😑😑


इस्लाम में बेटियों की अहमियत भी कुछ इसी तरह की है🌹🌹🌹
पूरे घर को रोशन करती झिलमिलाते हीरे की तरह ज़रा सी ख़राश से उसकी ओर उसके घर वालों के पास कुछ नहीं बचता 😓😓

बस यही फर्क़ है लड़कियों और लड़कों मेंश😊

पूरी मजलिस में ख़ामोशी छा गई उस बैटी के साथ पूरी मजलिस की आँखों में छाई नमी साफ साफ बता रही थी लोहे और हीरे में फर्क़ 😇

Post a Comment

0 Comments